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📚 हमारी शायरी के विषय (Categories):
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❤️ Best Love शायरी – 2 लाइन
🥀 शायरी 1
तेरे बिना हर ख़ुशी अधूरी लगती है,
ज़िंदगी जैसे खुद से ही रूठी लगती है।
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💔 शायरी 2
जिसे टूट कर चाहा, वो ही समझ न सका,
हम दर्द छुपाते रहे, वो वजह बनता रहा।
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😔 शायरी 3
अब हँसी में भी दर्द छुपा होता है,
तेरे बिना हर लम्हा ख़ामोश सा होता है।
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💔 शायरी 4
तेरी यादें हर रात आकर रुला जाती हैं,
जैसे नींद से पहले तन्हाई सुनाती है।
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🕯️ शायरी 5
अगर जुदा ही होना था तो मिलाया क्यों?
दिल को
इतनी उम्मीदों से सजाया क्यों?
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🥀 शायरी 6
तेरे बिना ये साँसें भी बोझ सी लगती हैं,
हर सुबह सुनी और हर रात अधूरी लगती है।
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💔 शायरी 7
जिसे आंखों में बसा रखा था सपना बनाकर,
उसी ने तोड़ दिया आईना बनाकर।
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😔 शायरी 8
अब खुद से मिलने का मन नहीं करता,
तेरे जाने के बाद कोई अपना सा नहीं लगता।
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🖤 शायरी 9
तू गया तो सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं रहा,
जैसे रूह तो है, पर जिस्म कहीं रह गया।
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💔 शायरी 10
एक तेरे जाने से इतनी ख़ामोशी छा गई,
के दिल की धड़कनें भी सवाल करने लगीं।
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🥀 शायरी 11
जिसे पकड़ कर रखा था आख़िरी उम्मीद समझकर,
वो हाथ छुड़ा कर ऐसे गया, जैसे कुछ था ही नहीं।
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😢 शायरी 12
अब आँखें नम नहीं होती, बस थक चुकी हैं,
हर रोज़ तुझे याद करके टूट चुकी हैं।
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🕯️ शायरी 13
कभी सोचा न था, तन्हाई इतनी गहरी होगी,
तेरे बिना हर बात अधूरी, हर खुशी अधूरी होगी।
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💔 शायरी 14
जिस दिल ने तुझे सबसे ज़्यादा चाहा,
उसी को सबसे ज़्यादा दर्द मिला।
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🥀 शायरी 15
अब मोहब्बत नहीं होती किसी से,
तेरे बाद दिल ने किसी को काबिल ही नहीं समझा।
🥀 शायरी 16
तेरे बिना सब अधूरा लगता है,
चेहरे पर हँसी भी अब ज़रूरी नहीं लगती।
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💔 शायरी 17
तू छोड़ गया तो कोई शिकवा नहीं,
बस अब दिल किसी पर ऐतबार नहीं करता।
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😔 शायरी 18
जिसे अपना समझा वो गैर निकला,
और हम खुद से भी बेगाने हो गए।
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🖤 शायरी 19
अब तो आईना भी सवाल करता है,
क्यों टूट कर किसी को चाहा था?
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💔 शायरी 20
तेरे बिना ये शहर भी अजनबी लगता है,
भीड़ में भी खुद को तन्हा महसूस करता हूँ।
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🥀 शायरी 21
बिछड़ कर भी तू हर रोज़ साथ होता है,
तेरी यादें हर लम्हा बरसात होती हैं।
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😢 शायरी 22
जिसे पा न सके वही सबसे ज़्यादा याद आता है,
दिल उसी के नाम की धड़कन दोहराता है।
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🕯️ शायरी 23
वक़्त के साथ बहुत कुछ बदल गया,
पर तुझसे जुड़ा हर एहसास वहीं ठहर गया।
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💔 शायरी 24
ख़ुश रहने की कोशिश करते हैं तुझ बिन,
मगर ये मुस्कान भी अब मजबूरी सी लगती है।
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🥀 शायरी 25
जिस दिल में तेरा घर था, वो अब वीरान पड़ा है,
तू चला गया और सब उजड़ सा गया है।
🥀 शायरी 26
दिल ने तुझसे मोहब्बत की थी सच्ची,
पर तूने हर एहसास को झूठ बना दिया।
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💔 शायरी 27
तेरे बिना अब खामोशियाँ बोलती हैं,
और आवाजें भी सवाल बन गई हैं।
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😔 शायरी 28
जिससे जुड़ी थीं सारी उम्मीदें,
वो ही छोड़ गया बिना कुछ कहे।
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🖤 शायरी 29
अब तेरा नाम सुनकर भी दर्द होता है,
कभी जो खुशी थी, अब ज़ख्म बन गया है।
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💔 शायरी 30
वो जिसे हर रोज़ दुआओं में माँगा,
आज वही वजह बना मेरी तन्हाई का।
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🥀 शायरी 31
तेरे बाद कोई भी वैसा नहीं लगा,
हर रिश्ता बस अधूरा सा लगा।
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😢 शायरी 32
इश्क़ किया था, कोई सौदा नहीं था,
जो तू इस तरह बदल गया
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🕯️ शायरी 33
तेरी यादों का भी अब शोर नहीं होता,
बस दिल धीरे-धीरे खामोश होता जा रहा है।
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💔 शायरी 34
तू पास नहीं, फिर भी हर जगह है,
तेरी कमी सबसे ज़्यादा महसूस होती है।
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🥀 शायरी 35
तेरे जाने के बाद दिल ने रिश्तों से डरना सीख लिया,
अब किसी से जुड़ने का मन नहीं करता।
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🖤 शायरी 36
तू था तो हर चीज़ में रंग था,
अब सब कुछ फीका लगता है।
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💔 शायरी 37
तन्हा रहना अब आदत बन गई है,
तेरे बाद कोई अपना लगा ही नहीं।
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😔 शायरी 38
जिस दिन से गया है तू,
हर दिन एक सज़ा जैसा लगता है।
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🕯️ शायरी 39
दिल भी अब तुझसे सवाल नहीं करता,
बस तेरी यादों से बातें कर लेता है।
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🥀 शायरी 40
तेरी बातें अब भी ज़ेहन में गूंजती हैं,
जैसे तन्हाई भी तुझसे मोहब्बत करती हो।
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💔 शायरी 41
वो लौटे भी तो क्या होगा,
अब हम पहले जैसे रहे कहाँ हैं।
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🖤 शायरी 42
जिसे अपना सब कुछ मान बैठे थे,
वो ही गैरों जैसा बर्ताव कर गया।
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😢 शायरी 43
ना तेरा होना अच्छा था, ना तेरा जाना,
तू हर हाल में दर्द ही दे गया।
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🥀 शायरी 44
अब किसी को खोने का डर नहीं,
क्यों
कि अपना तो बहुत पहले खो चुके हैं।
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💔 शायरी 45
तू अगर लौट भी आए, तो क्या फर्क पड़ेगा,
अब दिल तुझसे नहीं, खुद से टूटा है।
🥀 शायरी 46
कभी सोचा था तू जाएगा तो टूट जाऊँगा,
अब हर दिन खुद को बिखरते देखता हूँ।
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💔 शायरी 47
जिसे देख कर दिल मुस्कराया करता था,
अब उसी की यादों में रोता हूँ चुपचाप।
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😔 शायरी 48
तू गया तो साथ मेरी रूह भी चली गई,
अब जो बचा हूँ, वो बस एक नाम सा लगता है।
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🕯️ शायरी 49
तेरे बिना जो जीना है, वो जीना नहीं लगता,
हर धड़कन में अब खालीपन बसता है।
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💔 शायरी 50
बहुत कुछ कहा था दिल ने तुझसे,
पर
अफ़सोस… तूने कभी सुना ही नहीं।
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